आमतौर पर ठंडे माने जाने वाले दिसंबर महीने में उत्तर पश्चिमी ठंडी हवाओं की कमी से गर्मी का असर बढ़ गया है. इसका नतीजा यह है कि बंद पड़े पंखे और एसी फिर से चलने लगे हैं.
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भारत के पूर्वोत्तर राज्यों समेत कई हिस्सों में दिसंबर के महीने में ठंड की जगह गर्मी का अनुभव हो रहा है. कई जगहों में तापमान सामान्य से 3-4 डिग्री ज्यादा रिकॉर्ड किया जा रहा है, जिसने लोगों को हैरान कर दिया है. आमतौर पर ठंडे माने जाने वाले इस महीने में उत्तर पश्चिमी ठंडी हवाओं की कमी से गर्मी का असर बढ़ गया है. इसका नतीजा यह है कि बंद पड़े पंखे और एसी फिर से चलने लगे हैं.
मौसम विभाग की भविष्यवाणी के अनुसार, दिसंबर में असामान्य रूप से ज्यादा तापमान सेहत से जुड़ी समस्याओं को बढ़ा सकता है. खासकर बुजुर्ग, छोटे बच्चे और पहले से बीमार लोगों के लिए यह स्थिति चिंताजनक है.
सेहत पर बढ़ता खतरा
टीओआई के अनुसार, इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल्स के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुरंजीत चटर्जी ने बताया कि इस तरह का गर्म मौसम स्वास्थ्य समस्याओं को गंभीर बना सकता है. गर्मी और फ्लूइड लॉस के कारण हीट-रेलेटेड बीमारियां हो सकती हैं. इसके अलावा, लंबे समय तक गर्म मौसम मच्छरों के प्रजनन के लिए अनुकूल माहौल बनाता है, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है.
वायु प्रदूषण और तापमान का असर
दिल्ली (ओखला) में स्थित फोर्टिस एस्कॉर्ट्स के सीनियर पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. अवि कुमार के अनुसार वायु प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन के कारण सर्दियां कम और गर्मियां ज्यादा गर्म हो रही हैं. ऐसे मौसम में नाक और गले की एलर्जी, आंखों में जलन और सांस की बीमारियां बढ़ रही हैं. विशेष रूप से, ब्रोंकियल अस्थमा, सीओपीडी और इंटरस्टिशियल लंग डिजीज जैसी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं.
बचाव के उपाय
मेदांता हॉस्पिटल के डॉ. अशिष कुमार प्रकाश ने बताया कि इस समय अपनी सेहत की नियमित जांच कराना जरूरी है. उन्होंने पोषण से भरपूर आहार, पर्याप्त हाइड्रेशन और वायु प्रदूषण से बचने के लिए मास्क पहनने की सलाह दी.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.